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Secularism redefined in India (Hindi)


भारत में कुछ राजनीतिक दलों द्वारा दिए गए धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिकता की नई परिभाषा


राष्ट्र को जाति, वर्ग, उप वर्ग, सम्प्रदाय और धर्म में बाँट डालो डालो और आप धर्मनिरपेक्ष हैं. आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को धर्म के खिलाफ लडाई बनायें तो आप धर्मनिरपेक्ष हैं आतंक के जांच कर रही सरकारी जांच एजेंसियों (आईबी और सीबीआई) में . धार्मिक आधार पर फूट डाल दो तो आप धर्मनिरपेक्ष हैं. वोट बैंक के रणनीति के तहत लोगों को विभाजीत कर दो तो आप धर्मनिरपेक्ष हैं. सरकार के संसाधनों को असमान रूप से लोगों में बाँट दो तो आप धर्मनिरपेक्ष हैं. वोट के लिए समाज के एक वर्ग को खुश कर दो तो आप धर्मनिरपेक्ष हैं. “फूट डालो और राज करो” की नीतियों पर चलो और आप धर्मनिरपेक्ष हैं. एक राष्ट्र में दो विधान (कानून) और दो नागरिक संहिता बना दें और आप धर्मनिरपेक्ष हैं. 

राष्ट्रवाद और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की बात करते हैं तो आप सांप्रदायिक हैं. सभी को विकास का लाभ और किसी का तुष्टीकरण नहीं की नीति बनाने वाले सांप्रदायिक हैं. "राष्ट्र पहले, पार्टी दूसरी , मैं आखिर में " को अपना नारा बनायें तो आप सांप्रदायिक हैं. गैर तुष्टीकरण नीति और विकास के एजेंडे के बारे में आप बात करते है तो आप सांप्रदायिक हैं. धर्म की परवाह किए बगैर आतंक से लड़ने के बारे में सख्त बात करते हैं तो आप सांप्रदायिक हैं. आप राज्य जनता के हित के लिए, सरकार बनाने के लिए राज्य में किसी राजनैतिक पार्टी को समर्थन देते हैं तो आप को सांप्रदायिक बना दिया जाता हैं. एक राष्ट्र में एक विधान/कानून और राष्ट्र में समान नागरिक संहिता की बात करते हैं तो आप सांप्रदायिक हैं.